Monday, 27 November 2017

जिंदगी कभी कभी

कभी थोड़ी सी तनहाई, कभी थोड़ी सी रुसवाई
कभी थोड़ी सी भरमाई, कभी थोड़ी सी इठलाई
यही है जिंदगी, सब ने यही हमको बतलाई |1|


साहिल है कभी दरिया, कभी समंदर हो के है आई
कभी दिखती है गीतों में, कभी खुद गीत हो आई
यही है जिंदगी, सब ने यही हमको बतलाई |2|


कभी लगती है छोटी सी, कभी ये लम्बी दिखलाई
चमक से धूमिल करने को, सब को है ये सिखलाई,
यही है जिंदगी, सब ने यही हमको बतलाई |3|


नशा खुशिओं का कभी, गम का लेके है आई
मुस्कुराते हुए जाऊ बस एक तमन्ना हो आई
 यही है जिंदगी, सब ने यही हमको बतलाई |4| 


कभी थोड़ी सी तनहाई, कभी थोड़ी सी रुसवाई
कभी थोड़ी सी भरमाई , कभी थोड़ी सी इठलाई
यही है जिंदगी, सब ने यही हमको बतलाई |


                                          ---राहुल मिश्रा










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