दिल में दिल की बातों को दबाये हुए हैं,
होठों पर आये लव को छुपाये हुए हैं||
गिर न जाये ये आशिया सैकरो सपनों का
इसलिए अपनी चोरी चुराए हुए हैं||
सामने हैं वे फिर भी हम कुछ कहेते नहीं
मन की बातों को मन में दबाये हुए हैं||
दिल में दिल की बातों को दबाये हुए हैं,
होठों पर आये लव को छुपाये हुए हैं||
-----------------------राहुल मिश्रा
होठों पर आये लव को छुपाये हुए हैं||
गिर न जाये ये आशिया सैकरो सपनों का
इसलिए अपनी चोरी चुराए हुए हैं||
सामने हैं वे फिर भी हम कुछ कहेते नहीं
मन की बातों को मन में दबाये हुए हैं||
दिल में दिल की बातों को दबाये हुए हैं,
होठों पर आये लव को छुपाये हुए हैं||
-----------------------राहुल मिश्रा
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