Monday, 26 June 2017

बस दिल ही की बात

दिल में दिल की बातों को दबाये हुए हैं,
होठों पर आये लव को छुपाये हुए हैं||

गिर न जाये ये आशिया सैकरो सपनों का 
इसलिए अपनी चोरी चुराए हुए हैं||

सामने हैं वे फिर भी हम कुछ कहेते नहीं 
मन की बातों को मन में दबाये हुए हैं||

दिल में दिल की बातों को दबाये हुए हैं,
होठों पर आये लव को छुपाये हुए हैं||

-----------------------राहुल मिश्रा 

No comments:

Post a Comment

सत्य सिर्फ़ अंत है

सत्य सिर्फ़ अंत है  सत्य सिर्फ़ अंत है, बाक़ी सब प्रपंच है, फैलता पाखण्ड है, बढ़ता घमण्ड है, किस बात का गुरुर है, तू किस नशे में चूर है  समय से ...